Computer Virus Kya Hai? Computer Virus कितने प्रकार के होते हैं?

नमस्कार दोस्तों हमारे वेबसाइट में आपका बहुत-बहुत स्वागत है। आज के इस आर्टिकल में हम लोग computer Virus के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको Computer Virus Kya Hai? Computer Virus कितने प्रकार के होते हैं? या फिर वायरस हमारे कंप्यूटर के साथ क्या-क्या कर सकता है? वायरस हमारे कंप्यूटर को क्या क्षति पहुंचा सकता है? जैसे सभी प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हो जाएंगे। तो दोस्तों सबसे पहले हम लोग बात कर लेते हैं वायरस क्या होता है?

Virus क्या होता है? – Computer Virus Kya Hai?

Virus का Fullform “Vital information resource under siege” होता है। यह हमारे फाइल में छोटे-मोटे प्रोग्राम होते हैं। जो कि हमारे कंप्यूटर में आते ही हमारे कंप्यूटर के डाटा को डिलीट करना फॉर्मेट करना या फिर करप्ट करना है शुरू कर देते हैं। यह जो वायरस होता है यह हमारे कंप्यूटर में कई प्रकार से क्षति पहुंचाते हैं। यहां तक कि यह हमारे कंप्यूटर में चुप करके बैठा भी रहेगा और किसी भी प्रकार के एंटीवायरस के पकड़ में नहीं आएगा।

और धीरे-धीरे हमारा सिस्टम Slow होते होते बहुत ही ज्यादा हैंग करने लगेगा। और एक समय ऐसा आएगा जब फॉर्मेट मारने के अलावा और कोई विकल्प शेष नहीं बचेगा। तो दोस्तों इस तरह से वायरस हमें परेशान करता है। कुछ वायरस तो इतने ज्यादा खतरनाक होते हैं कि आपके पूरे के पूरे हार्ड डिस्क को हैंग करने की क्षमता रखते हैं। अब प्रश्न उठता है वायरस सबसे पहले कहां बना? Computer Virus Kya Hai? जाने

सबसे पहला कंप्यूटर वायरस कहां बना?

सबसे पहला वायरस रॉबर्ट थॉमस के द्वारा बनाया गया था। जो कि एक कंप्यूटर इंजीनियर थे। 1971 में कृपर नाम का एक सॉफ्टवेयर बनाया था। जोकि सिस्टम में कोई भी प्रॉब्लम क्रिएट नहीं करता था। लेकिन हमारे सामने स्क्रीन पर काम को रोकने का काम करती थी। यह वायरस सामने स्क्रीन पर एक मैसेज लिख देता था “I am the creeper: catch me if you can“. और यह मैसेज बार-बार स्क्रीन पर आता था।

Computer virus kaise failta hai

इस तरह से यह वायरस कंप्यूटर चलाने वाले को परेशान करता था। 1971 में जब यह सॉफ्टवेयर बनाया गया था उस वक्त उसका नाम “Prank software”, “normal computer program” से जाना जाता था। उस समय इसे वायरस के नाम से कोई भी नहीं जानता था। लेकिन बाद में कंप्यूटर इंजीनियर ने इसका नाम बदलकर “Virus” रख दिया। क्योंकि मार्केट में बहुत सारे ऐसे सॉफ्टवेयर उपलब्ध हो गए थे, जो इस तरह का काम कर रहे थे। तो इस तरह के सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम को वायरस के नाम से जाना जाने लगा।

कंप्यूटर वायरस कौन बनाता है?

दोस्तों कंप्यूटर वायरस कंप्यूटर इंजिनियर्स बनाते हैं। कंप्यूटर वायरस ज्यादातर लोगों को परेशान करने के लिए बनाया जाता है। वैसे कंप्यूटर इंजीनियर जिन्हें कोडिंग की अच्छी जानकारी होती है। वे लोग इस कंप्यूटर वायरस को बनाते हैं। इस वायरस के जरिए कंप्यूटर की डेटा को चोरी करना, कंप्यूटर को हैक करना, कंप्यूटर को स्लो करना, या फिर कंप्यूटर के हार्ड डिस्क को पूरी तरह से क्रैश(बर्बाद) करना जैसे कई काम कर सकता है। ज्यादातर हैकर कंप्यूटर वायरस के जरिए डाटा को चोरी करते हैं। Computer Virus Kya Hai? चलिये पूरी जानकारी हासिल करते है।

कंप्यूटर वायरस कितने प्रकार के होते हैं?

Malware क्या होता है?

सबसे पहले Malwares के बारे में जानकारी ले लेते हैं। कई बार ऐसा सुनने को आता है कि हमारे सिस्टम में malwares आ जाने के वजह से सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है। Malwares ऐसे क्रैक्ड फाइल या सॉफ्टवेयर होते हैं जो कि हमारे कंप्यूटर को ठीक तरीके से काम करने के लिए रोकते हैं। अब प्रश्न उठता है malwares कहां से आते हैं। Malwares का हमारे कंप्यूटर में आने का सबसे आसान रास्ता है : “इंटरनेट“।

इंटरनेट के जरिए malwares आपके कंप्यूटर में बड़े ही आसानी से आ सकता है अगर आपके सिस्टम में एक अच्छा प्रीमियम एंटीवायरस ना हो। जब आप इंटरनेट चलाते हैं उस वक्त आपके कंप्यूटर में कई ऐसे अनजान फाइल्स या प्रोग्राम डाउनलोड हो जाते हैं जिनके बारे में आपको जानकारी नहीं होती है। और आपको लगता है कि आपका सिस्टम स्लो काम कर रहा है। यह फाइल आपको दिखाई भी नहीं देगी। उनमें से कुछ फाइल्स तो ऐसे भी होते हैं जो ऑटोमेटिक इंस्टॉल हो जाते हैं। इंस्टॉल होने के बाद यह सॉफ्टवेयर आपके कंप्यूटर को स्लो कर सकते हैं। आपके इंटरनेट की स्पीड को स्लो कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर कई बार आप लोगों ने यह देखा होगा कि आपका इंटरनेट स्पीड बहुत ही कम है। लेकिन आपका इंटरनेट का डाटा खत्म होता जा रहा है। तो दोस्तों ऐसे जो सॉफ्टवेयर होते हैं वह malwares कहलाते हैं।

Computer Virus ke karya

Malwares का ful form “malicious software” होता है। यह malwares सॉफ्टवेयर ज्यादातर कैट गेम, कैड सॉफ्टवेयर, गंदे वीडियोस, गंदे वेबसाइट, टोरेंट वेबसाइट में से आता है। ज्यादातर करेक्ट गेम सॉफ्टवेयर या वीडियोस के जरिए आता है। हम लोग ध्यान नहीं देते हैं और उन्हें डाउनलोड कर लेते हैं। पेड वर्जन की जगह फ्री वर्जन डाउनलोड कर लेते हैं। अपने हजारों रुपए बचाने की लिए क्रैक्ड वर्जन का इस्तेमाल करते हैं। और यही पर हमारी सबसे बड़ी गलती होती है।

जाहिर सी बात है इतने महंगे सॉफ्टवेयर होते हैं उन्हें क्रैक करके आपको देने का रीजन क्या है आपको सोचना चाहिए। कभी-कभी क्रैक्ड सॉफ्टवेयर पाने के लालच में हम वायरस को ही इंस्टॉल कर देते हैं। और हमारे सिस्टम में प्रॉब्लम क्रिएट करने का काम करने लगते हैं।

Malware तीन प्रकार के होते हैं:

  • Troian
  • Virus
  • Worm

इस आर्टिकल में हम लोग वायरस के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। तो दोस्तों वायरस एक बहुत ही छोटा सॉफ्टवेयर होता है। लेकिन इसका काम बहुत ही बड़ा होता है। अब काम के आधार पर वायरस बहुत तरह के होते हैं। लेकिन साधारण इनका काम यह होता है कि यह हमारे सिस्टम में रखे हुए फाइल्स को डिलीट कर देते हैं या फिर उन्हें क्राफ्ट (बर्बाद) कर देते हैं।

Computer virus kaise dhundha jata hai

वायरस हमारे इंटरनेट स्पीड को भी स्लो कर सकता है। यह किसी फाइल या फोल्डर को डुप्लीकेट बना सकता है। तो इस तरह से वायरस हमें परेशान करने का काम करते हैं। तो दोस्तों वायरस कई प्रकार के होते हैं चलिए इनके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

Computer Virus के प्रकार -Computer Virus Kya Hai?

Boot record virus

Boot record virus directly Ram में store हो जाता है। या ऐसा भी कह सकते हैं कंप्यूटर के बूट सेक्टर में या वायरस स्टोर हो जाता है। जैसे हम लोग ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड करते हैं। यह हमारा ऑटोमेटिक सामने स्क्रीन पर काम करने लगता है। और बिना एंटीवायरस को पता लगे बड़े ही लंबे समय तक हमारे कंप्यूटर पर रहता है। इसको हटाने का सीधा रास्ता यह है कि कंप्यूटर को फॉर्मेट कर दिया जाए। जैसे ही आप कंप्यूटर को फॉर्मेट करोगे वैसे ही यह वायरस हमारे कंप्यूटर से हट जाएगा।

Direct action virus

Direct action virus फोन वायरस को कहा जाता है जो इंटरनेट के माध्यम से सीधे तरीके से डाउनलोड हो जाता है। और यह खुद-ब-खुद इंस्टॉल भी हो जाता है। यह सिर्फ एक क्लिक पर डाउनलोड या इंस्टॉल होता है। इसको इंस्टॉल होने के बाद यह ऐसे ऐसे फालतू काम करना शुरू कर देता है। जिसे आप नहीं रोक सकते हैं। और कभी-कभी ऐसा भी होता है कि हमारा एंटीवायरस भी इसे डिटेक्ट नहीं कर पाता है।

मान लीजिए डायरेक्ट एक्शन वायरस आपके कंप्यूटर में आ गया है। इसके नाम से ही आप जान सकते हैं कि यह डायरेक्टली आपके कंप्यूटर पर असर करेगा। ऐसा हो भी सकता है कि आपके फाइल्स ऑटोमेटेकली डिलीट होना शुरू हो जाए। ऐसे वायरस कुछ files को करप्ट भी कर सकते हैं। कभी-कभी ऐसा भी देखा गया है कि आपका इंटरनेट को रोक देता है यह वायरस। आप चाह कर भी अपना इंटरनेट इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। और इसके साथ ही साथ आपके कंप्यूटर को बार-बार रीस्टार्ट भी कर सकता है। कभी-कभी तो यह आपके कंप्यूटर्स के कुछ जरूरी फाइल्स को बर्बाद कर देता है। जैसे : Driver

Antivirus in Computer in Hindi

तो दोस्तों इस तरह से यह वायरस आपको परेशान कर सकता है। इस वायरस से बचने का एक ही उपाय है कि आप एक अच्छे क्वालिटी का एंटीवायरस का इस्तेमाल करें। उदाहरण:  Norton security

Multipartaite Virus

Multipartaite Virus ऐसे वायरस होते हैं, जो कंप्यूटर में एग्जीक्यूटेबल फाइल और साथ ही साथ हमारे जितने भी बूट सेक्टर होते हैं उन सब को यह क्षति पहुंचाने का काम करता है। किस वजह से हमारा सिस्टम काम करना बंद कर देता है।

Polymorphic Virus

Polymorphic Virus एक ऐसा वायरस होता है। जो कि अपने आप को डुप्लीकेट करता रहता है। और जितनी बार भी यह अपने आप को डबल करता है। या फाइल्स एवं फोल्डर की संख्या को बढ़ा देता है। और यह जितनी बार भी आगे बढ़ता है उतनी बार यह एक नए नाम से सेव होता है। हर बार यह एक नए नाम के फाइल एवं फोल्डर से सेव हो जाता है। इस वजह से इस वायरस को डिटेक्ट करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि यह हमारे एंटीवायरस के पकड़ में जल्दी से नहीं आता है। अपने नाम को बदलने के साथ ही साथ अपना लोकेशन भी बदलते रहता है।

अगर आपके कंप्यूटर में इस तरह के वायरस आ गए हैं। तो आपके कंप्यूटर की मेमोरी अपने आप फुल होती जाएगी। और आप परेशान हो जाओगे कि हमारे सिस्टम में ऐसा क्या है। जो हमारा कंप्यूटर का मेमोरी भर गया है। और दोस्तों यह फाइल्स एवं फोल्डर आपको शो नहीं करती हैं। यह सभी फाइल्स एवं फोल्डर छिपे हुए रहते हैं।

Overwrite virus

Overwrite Virus के नाम से ही आप जान सकते हैं कि यह हमारे फाइल्स को सीधे-सीधे ओवरराइट कर देता है।  यह हमारे फाइल्स को डिलीट कर देता है और उनके जगह पर कुछ रॉ मटेरियल से डाल देता है। जिसके वजह से आपके important files बर्बाद हो जाते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाए तो आपके डाटा को डिलीट करने का काम करता है यह वायरस।

यह ओवरराइट वायरस जब हमारे कंप्यूटर में आ जाता है, तो इसे भी हमारा एंटीवायरस बड़े ही मुश्किल से पकड़ सकता है।

File infector virus

File infector virus ऐसे वायरस होते हैं जो सीधे तौर पर फाइल्स पर हमला करता है। यह हमारे फाइल्स के अंदर जितने भी डाक्यूमेंट्स होते हैं उन्हें सीधे तरीके से डिलीट कर देते हैं। और उसी नाम का एक नया फाइल बना देते हैं। जब भी यूजर फाइल्स को दोबारा ओपन करने का कोशिश करता है तो उन्हें वह फाइल प्राप्त नहीं होती है।

Computer virus ke prabhav

और ऐसे वायरस का उदाहरण आप लोगों ने कई बार अपने कंप्यूटर में जरूर देखा होगा। एक ही नाम से हमारे दूसरे फाइल्स बन जाते हैं और हमारा पूरा फाइल डिलीट हो जाता हैं तो वहां पर आपको कुछ भी नहीं मिलता है।

Macro Virus

दोस्तों अगर आपने  MS word या MS Excel पर काम किया है। तो आप को Macro Word के बारे में जरूर पता होगा। इसके माध्यम से हमारा काम बहुत ही आसान हो जाता है। इसके जरिए हम कुछ स्टेप्स को सेव करके रख सकते हैं। यह वायरस इन फाइल्स को टारगेट करता है जिन पर Mecro का इस्तेमाल किया गया हो। और उनके अंदर जो भी मैटर लिखे हुए होते हैं, उनको वह बदल देता है।

इस तरह के वायरस को भी साधारण एंटीवायरस नहीं पकड़ पाता है। इस तरीके के वायरस से बचने के लिए हमें एक अच्छा एंटीवायरस का इस्तेमाल करना चाहिए।

Resident virus

Resident virus वैसे वायरस होते हैं जो हमारे कंप्यूटर्स में परमानेंटली रह जाता है। कंप्यूटर के मेमोरी में स्टोर रहता है। यह अपने आप को डबल बनाकर रखता है। अगर किसी वजह से एक कॉपी एंटीवायरस के जरिए डिलीट कर दी जाती है। या पकड़ी जाती है तो दूसरी कॉपी जिंदा रहती हैं। और वह फिर से एक डुप्लीकेट बना लेता है। इस तरीके से यह वायरस हमेशा हमेशा के लिए कंप्यूटर्स में जिंदा रहता है।

Trojan horse Virus in Hindi

यह वायरस रैम मेमोरी में स्टोर रहता है। इस वजह से इन वायरस उनको पकड़ पाना बहुत ही मुश्किल होता है और हमारा एंटीवायरस इसे जल्दी से डिटेक्ट नहीं कर पाता है। यह वायरस RAM में store रहती है इस वजह से एंटीवायरस को इसे डिटेक्ट करना बहुत ही मुश्किल होता है। और जैसे ही या वायरस पकड़ आता है तो यह अपना दूसरी कॉपी बना देता है। इस बार जो यह नया कॉपी बनाता है वह एक नई जगह पर बनाता है। इस तरह से यह हमारे कंप्यूटर में हमेशा हमेशा के लिए बस जाता है। और हमेशा परेशान करते रहता है।

Rootkit Virus

दोस्तों अभी तक हमने जितने भी वायरस के बारे में जानकारी प्राप्त की है। उनमें से यह सबसे अनोखा वायरस है। और यह malware किस श्रेणी में आता है। कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर जिनको हम इलीगल वेबसाइट (unknown sources/torrent websites/other downloading platform) से डाउनलोड करते हैं। और उन्हें करेक्ट करके इंस्टॉल करते हैं। इंस्टॉल करते वक्त यह वायरस हमारे कंप्यूटर में भी इंस्टॉल हो जाता है। और यह इतने ज्यादा खतरनाक होते हैं कि या हैकर्स के लिए एक दरवाजा खोलने का काम करता है।

जैसे ही हम इन सॉफ्टवेयर्स को अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल करते हैं। हम जाने या अनजाने में  के लिए एक दरवाजा खोल देते हैं। जिनके के जरिए वे हमारे किसी भी फाइल फोल्डर या सॉफ्टवेयर के साथ कुछ भी कर सकते हैं। वे चाहे तो आपके किसी भी फाइल फोल्डर को डिलीट भी कर सकते हैं या फिर कई अलग तरीके से आपको परेशान भी कर सकते हैं।

तो दोस्तों यह वायरस बहुत ही खतरनाक माना जाता है। और कमाल की बात तो यह है दोस्तों की हमारा एंटीवायरस भी इसे पकड़ नहीं पाता है। इसको पकड़ने का एक ही तरीका है कि आपको rootkit scanner software किस जरूरत पड़ेगी। और यह सॉफ्टवेयर आपको किसी भी प्रीमियम एंटीवायरस के साथ फ्री में मिल जाती है।

Worms

Worms भी एक प्रकार का वायरस है जो अपने आप को डबल करने का काम करती है। जब भी यह आपके सिस्टम में आते हैं तो यह हर फोल्डर के अंदर एक कॉपी बना देती है। जिससे कि जितने भी फोल्डर होते हैं सबके अंदर इनके एक कॉपी बन जाती हैं। इससे आपके कंप्यूटर सिस्टम के फोल्डर को भर देते हैं।

जब भी आप अपने कंप्यूटर में यूएसबी के थ्रू पेनड्राइव या मेमोरी कार्ड लगाते हैं। या कोई भी डाटा ट्रांसफर करने का कोशिश करते हैं। तो यह ऑटोमेटिक उन फोल्डर के थ्रू कॉपी हो जाते हैं। और जहां जहां उन पेनड्राइव का इस्तेमाल किया जाएगा वहां वहां यह वायरस फैल जाएगा। तो इस तरीके से यह सॉफ्टवेयर काम करता है। इसे भी साधारण एंटीवायरस नहीं पकड़ पाता है।

Examples of computer virus

इस तरह के वायरस से बचने के लिए आपको प्रीमियम एंटीवायरस या यूं कहें कि एक अच्छा क्वालिटी का एंटीवायरस इस्तेमाल करना चाहिए।

Trojan Horse

Trojan horse अब तक का सबसे खतरनाक वायरस है। इतना ज्यादा खतरनाक होता है कि यदि यह हमारे कंप्यूटर सिस्टम में जाता है। तो यह हमारे फाइल्स को सीधी तरीके से डिलीट कर देते हैं। C drive को format कर देता है। बस यही नहीं दोस्तों यह आपके हार्ड डिस्क को भी बर्बाद कर सकता है। इसे अब तक का सबसे खतरनाक वायरस माना जाता है। यह वायरस इंटरनेट के माध्यम से आ सकता है।

यदि आप किसी इलीगल वेबसाइट जैसे कि टोरेंट वेबसाइट, गंदे वेबसाइट, या इसी तरह के वेब साइट्स में विजिट करते हैं। तो यह अपने आप आपके कंप्यूटर में डाउनलोड हो जाता है और इंस्टॉल भी हो जाता है। इस तरह के वायरस क्रैक्ड फाइल या सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करते वक्त भी आपके कंप्यूटर में आ सकता है। Computer Virus Kya Hai? अब आपको पता चल गया होगा।

कैसे जाने हमारे सिस्टम में वायरस है या नहीं?

अगर आप जानना चाहते हैं कि आपके सिस्टम में वायरस है या नहीं तो इन बातों पर गौर करें:

  • System performance बहुत ही ज्यादा गिर जाती है।
  • आपका कंप्यूटर बहुत ही ज्यादा स्लो हो जाएगा।
  • गेम खेलते वक्त आपका कंप्यूटर लैग हो रहा हो।
  • इंटरनेट चलाने में असुविधा महसूस हो रही हो।
  • स्क्रीन पर पॉपअप आना।
  • कंप्यूटर में unnecessary advertisement दिखना।
  • एक ही फाइल अलग अलग फोल्डर में दिखना।
    वेब ब्राउज़र ओपन करने पर, कोई भी वेबसाइट ऑटोमेटिक खुलना।
  • कई प्रकार की एडवर्टाइजमेंट बैनर, फोन नंबर या मैसेज दिखना।
  • किसी भी प्रोग्राम का ऑटोमेटिक ओपन होना।
  • फाइल का अपने आप डिलीट होना।
  • ड्राइवर अपने आप डिलीट हो जाना।
  • हार्ड डिस्क से आवाज आना।

Computer Virus से बचने के तरीके

  • एक अच्छा एंटीवायरस का चयन करना अत्यंत आवश्यक माना जाता है।
  • फ्री एंटीवायरस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। (ध्यान देने वाली बात यह है कि फ्री में इस दुनिया में कुछ भी नहीं मिलता है)
  • समय-समय पर एंटीवायरस को अपडेट करना चाहिए। ऐसा करने से एंटीवायरस हमेशा पावरफुल रहता है। और नए-नए वायरस से लड़ने की क्षमता इसमें रहती है।
  • एंटीवायरस ही नहीं अपने सभी सॉफ्टवेयर्स को समय-समय पर अपडेट करना आवश्यक है।
  • Unknown Email को कभी भी Open नहीं करना चाहिए। वैसे ईमेल जिनके बारे में आपको कुछ भी नहीं पता है। उन्हें कभी भी Open ना करें।
  • Torrent website/p*** website/illegal websites पर आपको नहीं जाना चाहिए।
  • “http” website पर विजिट नहीं करना चाहिए। इस तरह के वेबसाइट ज्यादातर सुरक्षित नहीं होते हैं।
  • Illegal website  से songs, videos, softwares, other files को कभी भी download नहीं करना चाहिए।
  • अगर आप कोई फाइल इंटरनेट से डाउनलोड करते हैं तो उसे अपने एंटीवायरस से एक बार स्कैन जरूर करें।
  • Untrusted pen drive, CD, memory card को अपने कंप्यूटर में नहीं लगाना चाहिए।
  • Unknown links, unknown emails, congratulations email, winning rewards email/messages, पर कभी भी क्लिक नहीं करना चाहिए। यह सीधे तरीके से आपका कंप्यूटर हैक कर सकता है।
  • हैकर्स आपको तरह-तरह के लालच दे सकते हैं। उदाहरण के तौर पर “इस लिंक पर क्लिक करें ₹50000 आपका इंतजार कर रहा है”

निष्कर्ष

तो दोस्तों आशा करता हूं आपको Computer Virus Kya Hai? के संदर्भ में बहुत सारी जानकारियां मिल गई होंगी। और आप वायरस के विषय में बहुत कुछ जान गए होंगे। मेरा अनुरोध है कि ऊपर बताए गए सभी नियमों का पालन करें। ऊपर बताए गए नियमों का पालन करने से आप हमेशा सुरक्षित रहेंगे। वायरस से बचने के लिए हमेशा सावधान रहना जरूरी है। आपके द्वारा की गई छोटी से छोटी लापरवाही आपको बड़े पैमाने पर क्षति पहुंचा सकती हैं। तो दोस्त हूं आप को यह आर्टिकल “Computer Virus Kya Hai?” कैसा लगा आप हमें नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। अगर अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर भी जरूर करें।

 

"Hey, Guys I'm K. M, A Full Time Blogger, YouTuber, Founder of technorashi.in And Engineer.

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