आखिर मुहर्रम क्यों मनाया जाता है? | Muharram kyu manaya jata hai

हेलो दोस्तों नमस्कार! कैसे हैं आप लोग उम्मीद करते हैं, आप लोग अच्छे होंगे एक बार फिर से आपका  Techno Rashi में स्वागत है। आज की इस पोस्ट में “Muharram kyu manaya jata hai” के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हासिल करने वाले है। भारत पूरी दुनिया मे सांस्कृतिक देशों में सबसे प्रथम स्थान पर आता है। भारत मे हर वर्ष बहुत त्योहार मनाए जाते है, यहाँ विभिन्न धर्मों के मान्यताओ के अनुसार यहाँ बहुत सारे त्योहार मनाये जाते है।

भारत मे हिन्दू धर्म में दीवाली तथा होली, जैन धर्म मे  संवत्सरी और बौद्ध धर्म मे वैशाख का महत्व है ठीक उसी प्रकार मुस्लिम धर्म मे ईद और मुहर्रम का बहुत ज्यादा महत्व है। आप सभी लोगो ने मुहर्रम का नाम सुना होगा और मुहर्रम त्योहार उत्साह उल्लास से मनाते होंगे लेकिन आपको क्या पता है Muharram Kya hai, Muharram kyu manaya jata hai ,अगर आपको नही पता है तो मैं आज आपको इस लेख के माध्यम से बताने वाला हूँ।

मुहर्रम मुस्लिम सम्प्रदाय का एक बेहत प्रवित्र त्योहार है। यह माना जाता है जितना हिन्दू धर्म मे होली एक पवित्र त्योहार है ठीक उसी तरह मुस्लिम धर्म मे मुहर्रम एक पवित्र त्योहार है। जिस प्रकार अंग्रेजी कैलेंडर में जनवरी-फरवरी महीने होता है ठीक उसी प्रकार हिंदी कैलेंडर में चैत, वैशाख, आषाढ़ आदि महीने होता है।

मुहर्रम से इस्लामिक कैलेंडर का नया साल शुरु होता है, क्योंकि हर धर्म के विभिन्न मान्यताओं के अनुसार हर धर्म का अपना अलग अलग कैलेंडर होता है। अब चलिये  Muharram kyu manaya jata hai जान लेते है।

मुहर्रम क्या है? – what is Muharram in Hindi

मुहर्रम इस्लामिक वर्ष अर्थात
हिजरी सन् (मुस्लिम कैलेंडर) का पहला महीना माना जाता है। मुस्लिमो के लिये 4 पवित्र महीनों में से एक पवित्र महीना माना जाता है, अन्य तीन पवित्र महीने जुल्कावदाह, जुलहिज्जा तथा रजब है। मुस्लिम धर्म के संस्थापक पैगम्बर मोहम्मद साहब ने खुद इन 4 महीनों को पवित्र बताया है। मुस्लिम धर्म मे चंद्रमा को आधार मानकर तारीखे तय की गई है।

“Muharram” शब्द का मतलब

मुहर्रम शब्द का मतलब निषेध, वर्जित, प्रतिबंधित या फिर गैर कानूनी होता है। आसान भाषा में अगर बात करें तो मोहर्रम शब्द का मतलब ‘किसी चीज को मना किया गया हो या Allow नहीं हो’ है। रमजान महीने के बाद मुहर्रम महीना पवित्र माना जाता है।

मुहर्रम महीने के 10 दिन को अशूरा दिन माना जाता है, क्योंकि मुहर्रम मुस्लिमो के खुशियों का त्योहार नही बल्कि मातम तथा समर्पण का त्योहार है। मुहर्रम हजरत हुसैन की याद में मनाया जाता है। मुहर्रम के महीने को हिजरी भी कहा जाता है।

साल -ए-हिजरत

मुहर्रम को साल -ए-हिजरत भी कहा जाता है, यह वही दिन है जिस दिन पैगम्बर मोहम्मद साहब मक्का से मदीना गये थे।

Muharram कब मनाया जाता है?

मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है, मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है। जिस प्रकार से दिवाली अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से मनाई जाती है, उसी तरीके से मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार मनाई जाती है, इसलिए मुहर्रम का कोई निश्चित तारीख नहीं होता है। साल 2020 में मुहर्रम 20 अगस्त से 29 अगस्त तक मनाया जायेगा।

Muharram kyu manaya jata hai?

देखा जाए तो बहुत लोग मुहर्रम एक महीना मानते है, लेकिन कुछ लोग इसे त्योहार मानते है। मुहर्रम महीने का दसवां दिन काफी महत्वपूर्ण होता है। इस दिन पैगम्बर मोहम्मद साहब के नाती हुसैन इब्न अली के शहादत के लिये शोक किया जाता है। यह त्योहार शिया मुसलमानों के लिये काफी महत्वपूर्ण होता है। यहा त्योहार हुसैन इब्न अली तथा उनके साथियों के बलिदान के याद के रूप में शोक मनाया जाता है।

“मुहर्रम” का इतिहास क्या है?

मुहर्रम का इतिहास की बात करे तो सन् 680 में कर्बला नामक स्थान पर एक धर्म युद्ध हुआ था। यह युद्ध पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के नाती हुसैन इब्न अली तथा यजीद के बीच हुआ था। इस युद्ध मे अपने धर्म की रक्षा करते हुए हुसैन इब्न अली तथा अपने 72 साथियों के साथ न्योछावर हो गए। यह माना जाता है मुहर्रम का दसवा दिन ही हुसैन इब्न अली शाहिद हुए थे, यही कारण है कि मुस्लिम लोग शहादत के शोक में इस दिन काला कपड़ा पहनते है।

“मुहर्रम” का महत्व

जिस तरह से हिंदू धर्म में अधर्म पर धर्म के युद्ध के लिए दशहरा मनाया जाता है ठीक उसी प्रकार मुस्लिम संप्रदाय में मुहर्रम मनाया जाता है। मुहर्रम मुस्लिमों के लिए त्यौहार या महीना खुशी का नहीं माना जाता है यह बल्कि गमों से भरा समय होता है। मोहर्रम महीने के दसवे दिन हुसैन इब्न अली तथा उनके परिवार को यजीद के द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया था।

“मुहर्रम” तथा “आशूरा”

मुस्लिमों में मोहर्रम के दसवें दिन को “आशूरा” कहते हैं। इस दिन हुसैन ,उनके परिवार तथा साथियों को कर्बला के मैदान में शहीद कर दिया गया था।

“मुहर्रम” कैसे मनाया जाता है?

मुहर्रम मुसलमानों की खास पवित्र त्योहार या महीना है। मोहर्रम के नौवें तथा दसवें दिन काफी मुसलमान रोजा रखते हैं। मुहर्रम में रोजा रखना कोई अनिवार्य नही है, लेकिन मोहम्मद साहब के मित्र इब्ने अब्बास के मुताबिक जो मुस्लिम मुहर्रम का रोजा रखता है उसके 2 साल के गुनाह माफ हो जाते है। मोहर्रम महीने के दसवें दिन निकाले जाने वाले ताजिया जुलूस बहुत लोकप्रिय है।

आज बड़े धूमधाम से ताजिया तथा जुलूस निकाला जाता है, क्योंकि इसकी तैयारियां महीनों पहले शुरू हो जाती है। ताजिया लकड़ी तथा कपड़ों से गुंबद नुमा आकर्षक मनाया जाता है, इसके अंदर शहीद इमाम हुसैन के कब्र का मानव निर्मित अवतार बनाया जाता है।

“मुहर्रम” क्यों मनाया जाता है?

दोस्तों उम्मीद है आपको “Muharram kyu manaya jata hai”, Muharram history, Muharram के बारे में पूरी जानकारी पता चल गया होगा।

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